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Department of Agriculture

Himachal Pradesh

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        खरपतवारों की रोकथाम

        I. हाथ द्वारा निकालना:

        यदि पर्याप्त श्रमिक उपलब्ध हों तो एक निराई-गुडाई फसल उगने के एक महीने बाद करने से खरपतवारों के नियंत्रण के साथ-साथ बारानी खेती में नमी संरक्षण मेंसहायक सिद्ध होती है।

        II. रासायनिक रोकथाम:

        1. गेहूं में घास जैसे खरपतवारों के नियंत्रण के लिए आईसोप्रोटूरान (1250 ग्रा./है.) का प्रयोग करें। आईसोप्रोटूरान विभिन्न व्यापारिक नामों से उपलब्ध है। इसे रसायनों तथा दी गई मात्रा के अनुसार प्रयोग करना चाहिए जैसे एरीलॉन/ मासलान/ हिम एग्रीलान (75%) -1700 ग्रा. प्रति हैक्टेयर। इसके अतिरिक्त क्लोडीनाफाप-प्रोपार्जिल 15 डब्लयू. पी. 60 ग्रा. प्रति हैक्टेयर की दर से गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के लिये प्रयोग किया जा सकता है।

        2. खरपतवारों के उगने के बाद रसायनों को उस समय प्रयोग करें जब उन पर 2-3 पत्तियां हों, तो खरपतवारों की अच्छी रोकथाम हो जाती है। निचले पर्वतीय क्षेत्रों में यह अवस्था 30-35 दिनों के बाद और मध्यवर्ती क्षेत्रों में 40-45 दिनों के बाद समय पर की गई बिजाई वाली फसल में आती है। हल्की भूमि में उपरोक्त खरपतवारनाशियों की मात्रा 20% कम कर दें। जहां जंगली जई की समस्या हो तो इस रसायन का बिजाई के 20 दिन बाद छिडकाव करें। उब्बन घास के नियन्त्रण के लिए आइसोप्रोटूरान रसायन की मात्रा 20% कम करके तथा 5% सेल्बट / टीपोल / सेन्डोविट स्टिकर मिला कर छिडकाव करें। यदि किसान खरपतवार नाशी के साथ स्टिकर का प्रयोग न कर रहें हो तो रसायन की पूरी मात्रा डालनी होगी।

        3. यदि घास व चौडी पत्तियों वाले दोनों खरपतवारों की समस्या हो तो कलोडिनाफाम 60 ग्रा. / मेट सलफयूरान मिथाइल 4 ग्रा. को फसल में 30-35 दिनो में डालें। गेहूं की बिजाई 15 सें.मी. दूरी की पंक्तियों या 22 सें.मी. पर एक से दूसरी दिशा में बिजाई की हो और आधा-आधा बीज और उर्वरक दोनों दिशाओं में डाला हो तो गुल्ली डंडा व जंगली जई खरपतवारों की संख्या कम होती है ऐसी स्थिति में आइसोप्रोटुरान की आधी मात्रा के प्रयोग करने से उपर्युक्त खरपतवारों की रोकथाम की जा सकती है परंतु इन्हे बिजाई के 15 दिनों के बाद प्रयोग करना चाहिए। जिन खेतों में उब्बण खरपतवार की समस्या हो वहां पर खरपतवारनाशी की पूरी मात्रा ही प्रयोग करें।

        सावधानियां:
        1. खरपतवारनाशकों का प्रयोग गेहूं में उस समय न करें जब कोई चौड़े पत्ते वाली फसल की बिजाई साथ में की हो।
        2. छिडकाव करते समय चौडे फव्वारे वाली नॉजल का प्रयोग करें।