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Department of Agriculture

Himachal Pradesh

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      Himachal Pradesh

        मसर रबी की दूसरी महत्वपूर्ण दलहनी फसल है। इसे कुछ किसान अपनी घरेलू खपत के लिए उगाते हैं।

        मसर की खेती

        भूमि:

        सभी प्रकार की भूमि जिसमें पानी खड़ा न रहता हो, मसर की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

        भूमि की तैयारी:

        दो-तीन जुताईयां बिजाई के लिए काफी हैं।

        बिजाई का समय:

        अक्टूबर के अंत से नवंबर के मध्य तक मसर की बिजाई के लिए उत्तम समय है। यदि सूखा पड़े या बारिश न हो तो दिसंबर के पहले सप्ताह तक इसकी बिजाई की जा सकती है।

        बिजाई का ढंग:

        फसल को केरा विधि से 25-30 सै.मी. की दूरी पर पंक्तियों में बीजें।

        बीज की मात्रा:

        सही समय की बिजाई के लिए 25-30 कि. ग्रा. बीज प्रति हैक्टेयर पर्याप्त होता है। पछेती बिजाई के लिए बीज की मात्रा थोड़ी बढ़ा देनी चाहिए जिससे पौधों की संख्या पर्याप्त हो जाए।

        जल प्रबन्ध:

        चने की तरह मसर की भी सिंचाई के बिना खेती की जाती है परंतु फलियां बनने के समय एक सिंचाई दी जाए तो उपज में बढ़ौतरी हो जाती है।

        निराई तथा गुडाई:

        खरपतवारों को नियंत्रण करने के लिए एक या दो निराई-गुड़ाई करना लाभदायक है।

        अनुमोदित किस्में
        किस्में
        विशेषताएँ

        विपाशा (एच.पी.एल.-5)

        • ● इसके पत्ते हल्के हरे रंग के व बिना चिकनाहट के होते हैं।
        • ● इसके दाने मोटे और हल्के खाकी चमकीले रंग के होते हैं परन्तु अंदर से हल्के नारंगी होते हैं।
        • ● इस किस्म में सख्त बीज नहीं होते हैं। यह झुलसा रोग के लिए प्रतिरोधी किस्म है।
        • ● यह 175-180 दिनों में तैयार हो जाती है।
        • ● इसकी उपज 14-15 क्विंटल / हैक्टेयर है।
        मारकण्डेय (ई.सी.-1)
        • ● यह एक नई किस्म है जिसे प्रदेश के समपर्वतीय व निचले पर्वतीय सम-उष्ण कटिबन्धी क्षेत्रों (खण्ड-1) के लिए अनुमोदित किया गया है।
        • ● इस किस्म के पौधे मध्यम ऊंचाई (40-45 से. मी.) के व दाने मोटे तथा हल्के भूरे रंग के होते हैं।
        • ● यह किस्म मसर की मुख्य बीमारियों जैसे उकठा, झुलसा, जड़ सड़न तथा रतुआ रोग प्रतिरोधी किस्म है।
        • ● इसकी औसत उपज 10-12 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है।
        • ● यह 160-170 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
        खाद व उर्वरक
        तत्व (कि.ग्रा./है.)
        उर्वरक (कि.ग्रा./है.)
        ना.
        फा.
        पो.
        यूरिया
        एस एस पी
        एम ओ पी
        10 40 22 250
             
        उर्वरक (कि.ग्रा./बीघा)
              20 20