हमारे देश मे माश (Vigna Mungo) का उपयोग प्रमुख रूप से दाल के रूप मे किया जाता है। माश की दाल व्यंजन जैसे कचैड़ी, पापड़, बड़ी, हलवा, इमरती, पूरी, इडली, डोसा आदि भी तैयार किये जाते है।
इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, विटामिन बी-6, आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। माश दलहन फसल होने के कारण वायुमण्डल की नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके भूमि की उर्वरा शक्ति मे वृद्धि करती है। इसके अतिरिक्त माश को उगाने से खेत मे पत्तियाँ एवं जड़ रह जाने के कारण भूमि मे कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है।
इसकी दाल की भूसी पशु आहार के रूप मे उपयोग की जाती है। माश के हरे एवं सूखे पौधो से उत्तम पशु चारा प्राप्त होता है। माश की फसल को हरी खाद के रूप मे उपयोग किया जा सकता है।



अनुमोदित किस्में
किस्में |
विशेषताएँ |
हिम माश-1
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यू. जी.-218
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पालमपुर-93
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