✉  krishibhawan-hp@gov.in       ☎ 0177-2830162

✉  krishibhawan-hp@gov.in       ☎ 0177-2830162

agriculture department himachal pradesh logo

Department of Agriculture

Himachal Pradesh

    agriculture department himachal pradesh logo

    Department of Agriculture

      Himachal Pradesh

        स्थानीय नामः सावाँ / शॉक / सवाँ / झंगोरा

        प्रमुख खेती वाले क्षेत्रः सिरमौर, शिमला और किन्नौर

        बार्नयार्ड मिलेट (Echinochloa frumentacea) को सावाँ, शॉक, सवाँ, झंगोरा, बिलियन डॉलर घास के नाम से भी जाना जाता है।

        बार्नयार्ड मिलेट की कुछ अन्य प्रजातियां अनाज या चारे के रूप में भी उगाई जाती है। इनमें से सबसे उल्लेखनीय प्रजातियां जापानी मिलेट (E. esculenta), भारतीय बार्नयार्ड मिलेट (E. frumentacea) और बर्ग मिलेट (E. stagnina) हैं।

        सावाँ की खेती
        जलवायु और मिट्टी

        जब सावाँ को फसल के रूप में नहीं उगाया जाता है तो यह घास किसानों के लिए एक खरपतवार के रूप में उपद्रव बन सकती है। सावाँ बहुत विस्तृत तापमान सीमा के लिए सहिष्णु है और कम उपजाऊ मिट्टी में भी इसकी खेती की जा सकती है। सावाँ की खेती 200-400 मि. मी. वर्षा वाले क्षेत्रों और समुद्र तल से 2700 मीटर तक की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में की जा सकती है।

        बीज एवं बुआई का समय

        नर्सरी के लिए बीज की अनुमोदित दर 4-5 कि. ग्रा. प्रति हैक्टेयर है, जबकि लाइन बुवाई के लिए 8-10 कि. ग्रा. प्रति हैक्टेयर और छिट्टा विधि के लिए 12-15 कि. ग्रा. प्रति हैक्टेयर बीज दर उपयुक्त रहती है। इसकी बिजाई पंक्ति से पंक्ति 20-25 सै. मी. की दूरी और पौधे से पौधे 8-10 सै. मी. की दूरी पर करने से अच्छी पैदावार ली जा सकती है।

        खाद एवं उर्वरक

        अच्छी फसल के लिए खेत की तैयारी के समय 8-10 टन प्रति हैक्टेयर अच्छी तरह से सड़ी हुई देसी खाद और 40:20:20 किलोग्राम एन. पी. के. प्रति हैक्टेयर का उपयोग करें। फास्फोरस, पोटाश की पूरी मात्रा एवं नाइट्रोजन की आधी मात्रा बिजाई के समय तथा नाइट्रोजन की आधी मात्रा 30 दिन बाद डालें।

        खरपतवार नियंत्रण

        लाइन में बोई गई फसल में दो गुड़ाई और एक हाथ निराई की सिफारिष की जाती है। अंकुरण के 15 से 20 दिनों के बाद फसल में पहली निराई और उसके 15-20 दिनों के बाद दूसरी निराई की सिफारिष की जाती है।

        फसल कटाई

        सावाँ की बालियों के परिपक्व होने के बाद ही कटाई की जाती है। सावाँ में दानों की अपेक्षित पैदावार 7-8 क्विटल प्रति हेक्टेयर और सूखे चारे की पैदावार 9-10 क्विटल प्रति हेक्टेयर के बीच होती है।

        पौष्टिक गुण

        सावाँ प्रोटीन व आहार फाइवर का एक उत्कृष्ट स्त्रोत है। सावाँ में कार्बोहाइड्रेट की कम मात्रा होती है जिसका पाचन शरीर में धीरे-धीरे होता है। इसमें प्रमुख रूप से लिनोलिक एसिड ए, बायपलमीटिक एसिड और ओलिक एसिड पाए जाते है। रक्त शर्करा और लिपिड के स्तर को कम करने में सावाँ सबसे प्रभावी है। आज बढ़े हुए मधुमेह के आधुनिक परिदृश्य में और ग्लूटेन के लिए असहिष्णु रोगियों के लिए सावाँ एक आदर्श भोजन है।

        पौष्टिक तत्वों की मात्रा

        पोषक तत्व पोषण मूल्य प्रति 100 ग्राम
        कार्बोहाइड्रेट 65.5 ग्राम
        प्रोटीन 6.2 ग्राम
        वसा 2.2 ग्राम
        फाइबर 9.8 ग्राम
        खनिज पदार्थ 4.4 ग्राम
        कैल्शियम 20 मिलीग्राम
        फास्फोरस 280 मिलीग्राम
        आयरन 5.0 मिलीग्राम
        स्वास्थ्य लाभ

        पोषण संबंधी महत्व और स्वास्थ्य लाभ :

        ● सावाँ आहार फाइबर, आयरन, जस्ता, कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, वसा, विटामिन और कुछ आवश्यक अमीनो एसिड का एक समृद्ध स्त्रोत हैं।

        ● सावाँ में औसत कार्बोहाइड्रेट 5 ग्राम प्रति 100 ग्राम है, जो अन्य प्रमुख मिलेट की तुलना में कम हैं, जबकि क्रूड फाइवर 8.1-16.3 प्रतिशत के बीच है जो किसी भी अन्य अनाज की तुलना में अधिक है। कार्बोहाइड्रेट का क्रूड फाइवर के साथ उच्च अनुपात रक्त में शकर की धीमी रिहाई सुनिश्चित करता है, जो रक्त शकर के स्तर को बनाए रखने में सहायता करता है।

        ● सावाँ में प्रतिरोधी स्टार्च रक्त शर्करा, सीरम कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करता है।

        ● सावाँ का नियमित सेवन टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) को कम करने में भी सहायक होता है।

        ● इसमें कम मात्रा में फाइटेट (30-3.70 मिलीग्राम प्रति ग्राम) होने से फाइटिक एसिड की मात्रा में काफी कमी होती है, जिससे खनिजों की जैव उपलब्धता बढ़ जाती है। यह न केवल आज की जीवन शैली के आम रोगों के लिए, बल्कि विकासशील देशों में एनीमिक रोगियों और विशेष रूप से महिलाओं के लिए भी एक आदर्श भोजन है।

        ● सावाँ में एल्केलोइड्स, स्टेरॉयड, कार्बोहाइड्रेट, ग्लाइकोसाइड, टैनिन, फेनोल, और फ्लेवोनोइड्स की मौजूदगी के कारण इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-कार्सिनोजेनिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल जैसे विभिन्न नृवंशीय गुण होते हैं, जिससे न केवल घाव भरने की क्षमता बढ़ती है, बल्कि पित्त की समस्या, और कब्ज से जुड़े रोगों की रोकथाम भी होती है।

        उपयोगिता

        रागी का उपयोग मुख्यतः रोटी (बिना खमीर वाली ब्रेड या पैनकेक), मुड्डे (पकौड़ी), अंबाली (पतली दलिया), लड्डू, डोसा, कुकीज और माल्ट जैसे पारंपरिक खाद्य पदार्थों की तैयारी के लिए किया जाता है।

        बच्चों और बुजुर्गों के लिए अंकुरित अनाज के उपयोग की भी सलाह दी जाती है।

        रागी के पौधों के अवशेषों का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है।

        पौधे का उपयोग टोकरियाँ, चटाई और छत की छप्पर बनाने के लिए भी किया जाता है।

        सावाँ के मूल्यवर्धित उत्पाद

        कटलेट

        सामग्री

        मात्रा

        विधि

        सावाँ 100 ग्राम
        1. उबलते पानी में सावाँ को पकाएं और इसे फेंट कर रख लें।
        2. दहीं के साथ चना दाल का आटा मिलाएं, सब्जियों को उबालें और बारीक कटा हुआ प्याज, हरी मिर्च, लहसुन, अदरक डाल कर पकाएं जब तक कि प्याज तेल में पारदर्शी न हो जाए।
        3. पकी हुई सब्जियों में नमक, काली मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर डालें और पका हुआ सावाँ, बारीक कटा हुआ धनिया पत्ते डालें और अच्छी तरह मिलाएँ। कुछ सेकंड के लिए पकाएं।
        4. इसे ठंडा करने के लिए छोड़ दें। मिश्रण को समान रूप से विभाजित करें और कटलेट का आकार दें और उबले तेल में सुनहरा भूरा होने तक तलें।
        5. सॉस के साथ गरमा गरम परोसें।
        आलू 20 ग्राम
        गाजर 20 ग्राम
        नमक 5 ग्राम
        काली मिर्च 5 ग्राम
        चाट मसाला 5 ग्राम
        ब्रेड के टुकड़े 20 ग्राम
        चना दाल 30 ग्राम
        हरी मिर्च 5 ग्राम
        पानी आवश्यकतानुसार
        तेल तलने के लिए

        पिज़्ज़ा

        सामग्री

        मात्रा

        विधि

        पिज़्ज़ा बेस  
        1. सावाँ को कम से कम एक घंटे के लिए पर्याप्त पानी में भिगोएँ और पीस कर चिकना पेस्ट बना लें।
        2. बेकिंग पाउडर और मैदे को नमक के साथ अच्छी तरह मिलाएं। बैटर को 6 घंटे के लिए गर्म स्थान पर फरमेंट भी किया जा सकता हैं।
        3. एक फ्लैट पैन को गरम करें। तैयार किए गए बैटर से भरी एक कड़छी डालें-इसे फैलाएं नहीं। इस के चारों ओर कुछ तेल डाले फिर दोनों तरफ से पकाएं।
        4. ओवन को 180° तापमान पर लगभग 5-7 मिनट के लिए प्री-हीट करें।
        5. इस बीच, एल्यूमीनियम पन्नी लें और बेकिंग ट्रे में बिछा दें। पिज्जा को बेकिंग ट्रे में रखें।
        6. क्रस्ट के ऊपर टमाटर सॉस और मोजेरेला पनीर फैलाएं। कटा हुआ प्याज, शिमला मिर्च, स्वीटकॉर्न को पिज्जा पर रखें।
        7. लगभग 7-10 मिनट के लिए 180° C पर बेक ग्रिल करें, जब तक कि सारा पनीर पिघल न जाए और सब्जियां टोस्ट हो जाए।
        8. सॉस के साथ गरमा गरम परोसें।
        सावाँ 1/2 कप
        मैदा 1/2 कप
        बेकिंग सोडा 1/2 चम्मच
        नमक आवश्यकतानुसार
        तेल 1/2 चम्मच
        पानी आवश्यकतानुसार
        प्याज, हरी शिमला मिर्च, टमाटर 1/3 कप
        स्वीट कॉर्न आवश्यकतानुसार
        टमाटर की चटनी 1/3 कप
        मोज़ेरेला चीज़ आवश्यकतानुसार