✉  krishibhawan-hp@gov.in       ☎ 0177-2830162

✉  krishibhawan-hp@gov.in       ☎ 0177-2830162

agriculture department himachal pradesh logo

Department of Agriculture

Himachal Pradesh

    agriculture department himachal pradesh logo

    Department of Agriculture

      Himachal Pradesh

        Schemes

        प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना

        प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 से प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने हेतु प्राकृतिक खेती, खुशहाल किसान योजना आरम्भ की गई। इसके अन्तर्गत रसायनों के प्रयोग को हतोत्साहित कर, देसी गाय के गोबर व गोमूत्र तथा स्थानीय वनस्पतियों पर आधारित आदानों के प्रयोग की सिफारिश की जाती है।

        मुख्य लक्ष्य:-
        • पर्यावरण संरक्षण
        • फसल विविधीकरण को बढ़ावा
        • फसल उत्पादन लागत को कम करना
        प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए निम्नलिखित पग उठाएं जा रहे है:-
        1. इस योजना का मार्गदर्शन प्रदेश स्तर पर माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में गठित शीर्ष समिती (Apex Committee) कर रही है। तथा इसका संचालन एवं निगरानी प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित विशेष कार्यबल (State Level Task Force) कर रहा है। योजना के कार्यान्वयन और निगरानी के लिए राज्य परियोजना निदेशक की अध्यक्षता में राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई का गठन किया गया है। यह इकाई प्रदेश में कृषि विभाग के माध्यम से इस योजना का कार्यान्वयन कर रही है। जिला स्तर पर इस योजना को आत्मा परियोजना के अंर्तगत चलाया जा रहा है जिसमें जिला में 3 अधिकारी व खंड तकनीकी प्रबंधन और सहायक तकनीकी प्रबंधक शामिल है।
        2. इस योजना के अंतर्गत किसानों में क्षमता निर्माण कर लगातार उनसे संपर्क बनाए रखने, निगरानी और नियमित सलाह एवं सहयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
        3. किसानों को यह खेती विधि आसानी से समझ आ सके इसके लिए खेती विधि से संबंधित साहित्य भी राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई द्वारा नि:शुल्क मुहैया करवाया जा रहा है।
        किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा निम्न अनुदान का प्रावधान:-
        • प्राकृतिक खेती में प्रयोग होंने वाले आदान बनाने के लिए ड्रम खरीद पर अधिकतम 2,250 रूपये (रूपये 750/- प्रति ड्रम एवं अधिकतम 3 ड्रम/ प्राकृतिक खेती किसान परिवार के लिए) अनुदान का प्रावधान।

        • कृषकों तथा कृषि, बागवानी व पशुपालन विभाग के विस्तार अधिकारियों को इस नई प्रणाली के बारे में अवगत कराने हेतु विस्तृत जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन।

        • विश्वविद्यालयों द्वारा इस के लिए Package of Practices तैयार किए जाने का प्रावधान।

        • गौशाला के फर्श को पक्का कर गोमूत्र इकट्ठा करने के लिए गडढा बनाने हेतु अधिकतम 8000 रूपये प्रति प्राकृतिक खेती किसान के लिये दिए जाने का प्रावधान।

        • भारतीय नस्ल की गाय की खरीद पर 50 प्रतिशत उपदान और अधिकतम 25000/- रूपये की उपदान का प्रावधान है तथा उसके परिवहन के लिए 5 हजार अतिरिक्त दिए जा रहे हैं।

        • प्राकृतिक खेती में काम आने वाले आदानों की आपूर्ति हेतु प्रत्येक गाँव में प्राकृतिक खेती संसाधन भण्डार खोलने के लिये 10,000/- रूपये तक की सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है।

        वर्तमान आंकड़ों के अनुसार अभी तक 1,65,221 किसान-बागवान परिवारों ने इस खेती विधि को पूर्ण या आंशिक भूमि पर अपना लिया है। प्रदेश की 99.3 प्रतिशत पंचायतों में यह विधि पहुंच बना चुकी है और 2 लाख 48 हजार बीघा (19,915 हैक्टेयर) से अधिक भूमि पर इस विधि से खेती-बागवानी की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 50 हजार बीघा भूमि को प्राकृतिक खेती के अधीन लाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश के 9.61 लाख किसान परिवारों को चरणवद्ध तरीके से इस विधि से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। प्राकृतिक खेती उत्पादों की बिक्री हेतु 10 मंडियों में स्थान निर्धारित कर आधारभूत ढांचे का निर्माण किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 हेतु 13.00 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान रखा गया है।

        किसान एवं उपभोक्ता के बीच पारदर्शिता एवं ट्रेसेबिलिटी सुनिश्चित करने हेतु अक्तूबर 2022 से नवोन्वेशी स्व प्रमाणीकरण प्रणाली के लिए वेवसाइट www.spnfhp.in की शुरुवात की गई है। जिसके तहत अभी तक प्रदेश भर के 76,000 से अधिक प्राकृतिक खेती किसानों का पंजीकरण किया जा चुका है। इनमें से 61,000 से अघिक किसानों-बागवानों को प्रमाणपत्र प्राप्त हो चुके है। यह प्रमाणीकरण पूरी तरह से नि:शुक्ल है और पीजीएस द्वारा स्थापित मानकों को भी पूरा करता है।

        पी डी ऍफ़ डाउनलोड करे

        दिशानिर्देश

        यूट्यूब विडियो लिंक

        1. जय चंद सफलता की कहानी रामपुर प्राकृतिक खेती SPNF
        2. A ‘safe’ Apple a day to save the day!
        3. पर्वतीय प्राकृतिक खेती – छोटे किसानों के लिए कृषि विज्ञान
        4. प्राकृतिक खेती कुशल किसान योजना अद्यतन
        5. किसानो के अनुभव आत्मा सिरमौर
        6. नीति आयोग द्वारा प्राकृतिक खेती पर जानकारी हेतू वेबसाइट लांच