प्रदेश में कृषि विविधिकरण को और बढावा देने हेतु ”321 करोड़ रूपये की हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना“ जापान इन्टरनेशनल कोआपरेशन एजेंसी (JICA) के सहयोग से जून, 2011 से लागू की गई थी। इस परियोजना को प्रदेश के 5 जिलों क्रमशः बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा व ऊना में योजनाबद्ध तरीके से 2020 तक कार्यान्वित किया गया। इसके अन्तर्गत सिंचाई सुविधाएं, फार्म तक सड़क मार्ग, किसानों के समूह गठित कर सब्जी उत्पादन व विपणन हेतु तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवाना, परियोजना क्षेत्र में कार्यरत कृषि अधिकारियों को प्रशिक्षण आदि द्वारा सब्जी उत्पादन व फसल विविधिकरण को बढ़ावा देना शामिल रहा। परियोजना के अन्तर्गत 210 लघु सिंचाई योजनाऐं, 29.40 कि.मी. सम्पर्क मार्ग, 23 कलैक्शन सैंटर बनाये गये।
जाईका चरण-II
परियोजना की सैधान्तिक स्वीकृति जाईका टोकियो द्वारा अप्रैल 2020 में कर दी गई है। 26 मार्च 2021 को भारत सरकार व जापान सरकार द्वारा इस परियोजना का सहमति पत्र हस्ताक्षरित कर दिया गया है। यह परियोजना प्रदेश के सभी जिलों में कार्यान्वित की जायेगी। परियोजना के अन्तर्गत 1010.13 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। तथा इसे अगले नौ वर्षों 2021 से 2029 तक कार्यान्वित किया जायेगा। परियोजना का संचालन हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर डेवेल्पमेंन्ट सोसाईटी कर रही है जिसका गर्वनिंग बोर्ड है तथा इसके अध्यक्ष कृषि मंत्री हैं और एग्जीक्यूटिव कमेटी के अध्यक्ष सचिव (कृषि) है। इस परियोजना का मुख्यालय हमीरपुर में है। गत वर्ष 2022 -23 में इस योजना में 40 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जिसमें से 34.60 करोड़ की राशि जाइका फेज-II के अंतर्गत व्यय की गयी। वर्ष 2023-24 में परियोजना के कार्यान्वयन हेतु 30.00 करोड़ रुपये आबंटित किये गये हैं।